Class 10 SST long type subjective Question : वसे स्टूडेंट जो Bihar Board Class 10th की तैयारी हैं। उन सभी छात्रों के लिए यहाँ पर राजनीतिक शास्त्र Political Science का कुछ लॉन्ग टाइप का क्वेश्चन दिया गया है।
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लोकतंत्र की उपलब्धियाँ |
Class 10 sst long type subjective Question
1. ‘लोकतंत्र की विभिन्न प्राथमिकताओं पर एक निबंध लिखें।
उत्तर ⇒ लोकतंत्र जनता द्वारा निर्वाचित शासन का एक रूप सामाजिक जीवन की एक पद्धति एक आर्थिक ढाँचा, जनता के अधिकारों की एक प्रयोगशाला तथा शासन की एक कला है। इसके विभिन्न प्राथमिकताओं का उल्लेख निम्नलिखित रूपों में किया जा सकता है
(i) लोकतंत्र जनता का शासन है। यह शासन का वह रूप है, जिसमें जनता के द्वारा ही शासकों का चयन होता है।
(ii) जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों को ही लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में निर्णय लेने का अधिकार होता है।
(iii) अल्पसंख्यकों के हितों पर ध्यान देना आज के लोकतांत्रिक की पुकार है। अत: लोकतंत्र को बहुमत की तानाशाही से दूर रहना चाहिए।
(iv) निर्वाचन के माध्यम से जनता को शासकों को बदलने का पर्याप्त अवसर प्राप्त होता है।
(v) सत्ता में जितनी अधिक भागीदारी बढ़ेगी, लोकतंत्र उतना ही अधिक सशक्त होगा। अतः सत्ता में भागीदारी का अवसर सभी को बिना किसी भेदभाव के मिलना चाहिए।
(vi) लोकतंत्र को जातिवाद, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद जैसे दुर्गुणों से मुक्त किया जाना चाहिए। ये तत्त्व राष्ट्रीय एकीकरण के मार्गों में बाधक होते हैं।
(vii) लोकतंत्र में नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए।
2. लोकतंत्र से आप क्या समझते हैं? भारत में किस तरह का लोकतंत्र
उत्तर ⇒ लोकतंत्र का अर्थ ‘जनता का शासन’ होता है। लोकतंत्र का अंग्रेजी शब्द ‘डेमोक्रेसी, दो यूनानी शब्दों से बना है. ‘डेमोस’ और ‘क्रेशिया’, जिनका अर्थ क्रमशः ‘जनता’ और ‘शासन’ है। स्पष्ट है कि व्युत्पति की दृष्टि से लोकतंत्र का अर्थ ‘जनता का शासन’ हुआ। लोकतंत्र में जनता स्वयं अथवा अपने प्रतिनिधियों द्वारा शासन में भाग लेती है। लोकतंत्र की अनेक परिभाषाएँ दी गई हैं। उन परिभाषाओं में अब्राहम लिंकन की परिभाषा अत्यंत लोकप्रिय हुई। लिंकन के अनुसार, “लोकतंत्र जनता का. जनता के लिए और जनता द्वारा शासन है।” लोकतंत्र के दो प्रकार हैं प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष। भारत में अप्रत्यक्ष लोकतंत्र है।
3. लोकतंत्र किस तरह उत्तरदायी एवं वैध सरकार का गठन करता हैं।
उत्तर ⇒ लोकतंत्र में शासकों के चनाव का अधिकार जनता के हाथ में निहित होती है। जनता जिसे चाहती है उसे संसद अथवा विधानमंडलों में चुनकर भेजती है। जनता न केवल अपने शासकों का चयन ही नहीं करती है बल्कि अनेक प्रकार से वह प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष ढंग से उनपर नियंत्रण भी रखती है। गैर-लोकतांत्रिक सरकारों को विधायिका का सामना नहीं करना पड़ता है। अतः वे फैसले अपेक्षाकृत शीघ्र भी लेती है, परंतु ऐसे फैसले (निर्णय) से जनता की परेशानियाँ बढ़ भी सकती है। एक लोकतांत्रिक सरकार फैसले लेने में देर अवश्य करती है, परंतु वे फैसले नीतिगत, विधिसम्मत तथा बहुमत पर आधारित होते हैं। लोकतांत्रिक सरकार के उत्तरदायी होने के कारण उससे जनता के समस्याओं के निदान की आशा की जाती है। लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था में शासन की वैधता को संदेह की नजर से नहीं देखा जाता है। Class 10 sst long type subjective Question
लोकतांत्रिक सरकार की बुनियाद संवैधानिक विधियों एवं कानूनों पर आधारित होते हैं। इस व्यवस्था में लोगों को यह भी जानने का अधिकार होता है कि अमुक मामले में कानूनों का कहाँ तक पालन किया गया है, और यदि कानूनों का विधिसम्मत पालन नहीं किया गया है तो नागरिकों को यह भी अधिकार प्राप्त है कि वे सरकार के विरुद्ध में भी न्यायालय में जा सकते हैं तथा उचित न्याय की माँग कर सकते हैं। गैर लोकतांत्रिक सरकारें तो ताकत के बल पर जनता की आवाज को दबाती है। जनता की जायज माँगों की वे परवाह नहीं करती क्योंकि जनता ने उन्हें नहीं चुना है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव होते हैं। स्वतंत्र न्यायपालिका होती है, तथा सार्वजनिक नीतियों पर खुली चर्चा होती है। सरकार के कामकाज को जानने-परखने के लिए जनता के हाथ में सूचना का अधिकार होता है। अतः इसे उपर्युक्त व्यवस्थाओं वाली सरकार अथवा वैध शासन कहा जा सकता है।
4. लोकतंत्र किस प्रकार आर्थिक संवृद्धि एवं विकास में सहायक बनता है ?
उत्तर ⇒ आर्थिक समृद्धि एवं विकास के आधार पर भी लोकतांत्रिक व्यवस्था की उपलब्धियों का मूल्यांकन किया जा सकता है। हालाँकि आर्थिक समृद्धि के मामले में तानाशाही देशों का रिकॉर्ड थोड़ा बेहतर अवश्य रहा है। किसी देश की आर्थिक विकास की दर केवल शासन पर निर्भर नहीं करता है। आर्थिक विकास कई कारकों द्वारा निधारित होते हैं, यथा-देश की जनसंख्या, वैश्विक स्थिति, आर्थिक प्राथमिकताएँ, भौगोलिक परिस्थिति, शिक्षा, आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति इत्यादि। तानाशाही शासन वाले गरीब देश और लोकतांत्रिक शासन वाले गरीब देश में विकास की दर में मामूली अंतर है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की विकास दरें 3.95 हैं वहीं तानाशाही शासन वाले देश की विकास दरें 4.42 हैं। इस आधार पर हम समझ सकते हैं कि लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था तानाशाही था। अन्य गैर लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था से पिछड़ा नहीं है। इसलिए अन्य तरह के शासन व्यवस्था में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था को ही बेहतर शासन व्यवस्था के रूप में चुनाव किया जाता है।
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5. कैसे लोकतंत्र को सर्वोत्तम शासन-प्रणाली कहा गया है? इसे तको और तथ्यों से सिद्ध करें।
उत्तर ⇒ आज हमलोग इक्कीसवीं सदी में प्रवेश कर चुके हैं। इसे लोकतंत्र क विकास का युग माना जा सकता है। बीसवीं सदी तो लोकतंत्र का युग रहा है। इक्कीसवीं सदी में भी यह सर्वोत्तम शासन-प्रणाली माना जाता रहेगा, इसकी पूण आशा है। अन्य शासन-पद्धतियों से लोकतंत्र को सर्वोत्तम माना जाता रहा है। इस बात की पुष्टि निम्नलिखित तौ और तथ्यों से होती है
(i) जनमत का अत्यधिक महत्व – यह सर्वविदित है कि लोकतंत्र जनता की, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन है। स्वाभाविक है कि जनमत को इसम विशेष स्थान मिलना चाहिए। यह एक तथ्य है कि लोकतंत्र में जनता की सामान्य इच्छा के अनुसार ही शासन चलाया जाता है।
(ii) सचेत नागरिक – लोकतंत्र को सर्वोत्तम शासन-प्रणाली कहे जाने का दूसरा तर्क और तथ्य यह है कि इसके नागरिक सचेत रहते हैं। नागरिकों के बीच राजनीतिक चेतना लोकतंत्र का सबसे बडा लक्षण है। जनता स्वयं सरकार बनाती है। स्वाभाविक है कि लोकतंत्र में जनता को शासन-कार्य और चनाव में भाग लेने के अवसर प्राप्त होते हैं। इससे जनता की दिलचस्पी सार्वजनिक कार्यों में हाथ बँटाने में बढ़ जाती है। अत: राजनीतिक चेतना जनता में अधिक हो जाती है।
(iii) समानता, स्वतंत्रता और विश्ववंधत्व पर आघृत- लोकतंत्र के तीन मुख्य आधार माने जाते हैं – समानता, स्वतंत्रता और विश्वबंधत्व। लोकतंत्र में नागरिकों के बीच रंग, धर्म, वर्ण, जाति, भाषा, प्रांत इत्यादि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता। कानन के समक्ष सभी नागरिकों को समानता प्रदान की जाती हैं। प्रत्येक नागरिक को अनेक स्वतंत्रताएँ—भाषण की, सभा की, मतदान का दी जाती हैं। लोकतंत्र में विश्वबंधुत्व की भावना भी बढ़ती है।
(iv) नागरिक गुणों का विकास- लोकतंत्र में नागरिकों को व्यक्तित्व के विकास के अधिक अवसर प्रदान किए जाते हैं। इससे लोगों में प्रेम, सहानुभूति, सेवा स्वार्थत्याग, सहनशीलता जैसे नागरिक गुणों का विकास हो पाता है।
(v) लोककल्याण का पोषक- लोकतंत्र में राज्य का स्वरूप लोककल्याणकारी हो जाता है। सभी नागरिकों के कल्याण के लिए उचित कदम उठाए जाते हैं।
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6. आप कैसे कह सकते हैं कि लोकतंत्र सबसे बेहतर सरकार है ?
उत्तर ⇒ लोकतंत्र एक बेहतर सरकार प्रदान करता हैं क्योंकि
(i) यह विविधताओं में भी सामंजस्य स्थापित करता है।
(ii) इसमें नागरिकों की गरिमा में वृद्धि होती है।
(iii) यह लोक कल्याणकारी सरकार की स्थापना करता है।
(iv) यह एक उत्तरदायी शासन व्यवस्था कायम करती है।
(v) आर्थिक असमानताओं में कमी एवं आर्थिक विकास के लिए प्रयासरत रहता है।
(vi) यह एक वैध सरकार का निर्माण करता है। यही कारण है कि लोकतंत्र एक बेहतर सरकार प्रदान करता है।
7. लोकतंत्र किन परिस्थितियों में सामाजिक विषमताओं को कम करने में मददगार होता है और सामंजस्य के वातावरण का निर्माण करता है ?
उत्तर ⇒ समाज में विद्यमान अनेक सामाजिक विषमताओं, जिसे हमें विविधता के रूप में देख सकते हैं उनके बीच आपसी समझदारी एवं विश्वास को बढ़ाने में लोकतंत्र मददगार होता है। लोकतंत्र नागरिकों को शांतिपूर्ण जीवन जीने में सहायक होता है। लोकतंत्र विभिन्न जातियों एवं धर्मों के विभाजक कारकों के बीच वैमनस्य एवं भ्रांतियों को कम करने में सहायक हुआ है। साथ ही उनके बीच टकरावों को हिंसक एवं विस्फोटक बनने से रोका है। भारत में भी जातीय टकरावों एवं साम्प्रदायिक उन्मादों को व्यापक स्तर पर रोकने में लोकतंत्र सहायक हुआ है। इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि यदि लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था नहीं होती तो यह दुनिया रहने लायक नहीं होती। Class 10 sst long type subjective Question
लोकतंत्र लोगों के बीच एक-दूसरे के सामाजिक एवं सांस्कृतिक विविधताओं के प्रति सम्मान का भाव विकसित करता है। इस बात को दाबे के साथ कहा जा सकता है कि विभिन्न सामाजिक विषमताओं एवं विविधताओं के बीच संवाद एवं सामंजस्य के निर्माण में सिर्फ लोकतंत्र ही सफल रहा है। इसके अतिरिक्त नागरिक शासन व्यवस्था विविधताओं के और लोकतांत्रिक । संभावना बनी लिए उठाए गए लिए उठाए गए चार प्र जारी है। भारत की गरिमा एवं उनकी आजादी की दृष्टि से भी लोकतंत्र अन्य शासन आगे ही नहीं बल्कि सर्वोत्तम है। निष्कर्षतः हम कह सकते हैं कि सामाजिक विषमताओं एवं विलि बीच आपसी समझदारी एवं सामंजस्य के निर्माण में लोकतंत्र अन्य गैर व्यवस्थाओं की तुलना में काफी आगे है जहाँ बातचीत की निरन्तर संभावना बनी रहती है।
8. भारतीय लोकतंत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए चार कदमों का वर्णन करें।।
उत्तर ⇒ भारतीय लोकतंत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए उठाए। कदम इस प्रकार ये हैं
(i) भारत से निरक्षरता दूर करने के लिए सघन कार्यक्रम जारी है। सरकार ने एक शिक्षा नीति बनाई है।
(ii) स्थानीय स्वशासन लोकतंत्र की सफलता के लिए आवश्यक है। स्वशासन से जनता को लोकतंत्र की समस्याओं की जानकारी मिल है। साथ ही, उन्हें सुलझाने का भी अवसर मिल जाता है। पंचायत की स्थापना और भारतीय संविधान में स्थानीय स्वशासन को टोय देने का प्रावधान इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं।
(iii) नागरिकों में राजनीतिक सजगता लाने के लिए भी प्रयास किए गए। संचार के विभिन्न साधनों द्वारा उन्हें राजनीतिक रूप से संचेत किया जा रहा
(iv) बेरोजगारों को रोजगार के नए-नए अवसर दिए जा रहे हैं।
9. लोकतंत्र एकवैध शासन कैसे ?
उत्तर ⇒ लोकतंत्र एक वैध शासन है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में सभी निर्णय कानून और नियमों के अनुसार ही किये जाते हैं। लोकतंत्रत में ही सभी नागरिकों को यह जानने का अधिकार प्राप्त रहता है कि किसी भी निर्णय में कानन एवं नियमों का पालन हुआ है या नहीं। यदि ऐसा नहीं हुआ तो नागरिकों को उसका विरोध करने का भी अधिकार होता है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में पारदर्शिता रहती है। इसके अंतर्गत नागरिकों को सूचना का अधिकार प्राप्त होता है। यही कारण है कि अन्य शासन प्रणालियों की तुलना में लोकतंत्र अधिक वैध शासन है।
Bihar Board Class 10 Social Science Important Questions
10. राजनीतिक दलों को ‘लोकतंत्र का प्राण’ क्यों कहा जाता है ?
उत्तर ⇒ लोकतंत्र में सरकार जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा चलाए जाते हैं। ये प्रतिनिधि किसी न किसी राजनीतिक दल के सदस्य होते हैं। जनता भी किसी न किसी राजनैतिक दल के ऊपर विश्वास करती है और उनकी नीतियों का समर्थन करती है।चुनाव के दौरान यही राजनैतिक दल के सदस्यगण चुनाव लड़ते हैं, चयनित होते हैं और बहुमत प्राप्ति के बाद सरकार का गठन करते हैं। यदि जिन दलों को बहुमत की प्राप्ति नहीं होती वह विपक्ष के रूप में जनता के हित में आवाज उठाते हैं। यदि राजनीतिक दल न हो तब जनतंत्र के अंतर्गत प्रतिनिधि सरकार का निमाण ही संभव नहीं। उनकी समस्याओं को सुनने वाला भी कोई नहीं होगा। अत: हम कह सकते हैं कि राजनीतिक दल लोकतंत्र का प्राण है। Class 10 sst long type subjective Question
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11.लोकतांत्रिक देशों में फैसले किस प्रकार लिए जाते हैं ? समझावें
उत्तर ⇒ गैर-लोकतांत्रिक देशों में व्यक्ति अथवा कुछ व्यक्तियों के द्वारा बना गए ऐसे समूहों जो सरकार को प्रभावित कर सकती हैं, इन सबों को विशेषाधिका प्राप्त होता है। अतः तानाशाही अथवा गैर-लोकतांत्रिक देशों में तानाशाह स्वयं अप इन्हीं की सलाह पर फैसले लेता है। यहाँ जनमत का ख्याल नहीं रखा जाता।
12. सामाजिक भेदभाव एवं विविधता की उत्पत्ति कैसे उत्पन्न होती है।
उत्तर ⇒ सामाजिक विभेदों की उत्पत्ति के अनेक कारण होते हैं। प्रत्येक समा में विभिन्न जाति, धर्म, भाषा, सम्प्रदाय एवं क्षेत्र के लोग निवास करते है। विभिन्नताओं के चलते उनमें विभेद की स्थिति पैदा होती है। जन्म सामाजिक वि की उत्पत्ति का सबसे प्रमुख कारण माना जाता है। कुछ ऐसे कारक हैं जो सामा विभेद बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रंग, नस्ल, धन, धर्म, क्षेत्र एव भी कुछ ऐसे कारक हैं जो सामाजिक विभेद एवं विविधा बढ़ाने में सहयोग हैं। इस आधार पर आपस में उलझते हैं। जिससे सामाजिक भेदभाव एवं विा उत्पत्ति होती है। स्त्री-पुरुष, गोरे-काले, लम्बे-नाटे, अमीर-गरीब, शक्तिशाली जोर जैसे विभेद भी सामाजिक एवं विविधता की उत्पत्ति करते हैं।
13. दबाव समूहों के चार प्रमुख लक्षण कौन-कौन से हैं ?
उत्तर ⇒ दबाव समूहों के चार प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं
(i) दबाव समूह अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए नीति निर्माताओं को प्रभावित करते हैं।
(ii) दबाव समूहों का संबंध विशिष्ट मसलों से होता है।
(iii) दबाव समूह राजनीतिक संगठन नहीं होते और न ही चुनाव में भाग लेते हैं।
(iv) दबाव समूह का हित जब खतरे में होता है, तो वे सक्रिय बन जाते हैं।
वर्तमान समय में मजदूर संघ, छात्र संघ, व्यापारी संघ, महिलाओं का संगठन आदि बहुत से ऐसे संगठन हैं जो दबाव समूह के रूप में कार्य कर रहे हैं।
Political Science Long Subjective Question |
लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी |
सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली |
लोकतंत्र में प्रतिस्पर्धा एवं संघर्ष |
लोकतंत्र की उपलब्धियां |
लोकतंत्र की चुनौतियां |