Class 10th Arthvyavastha Aur Ajivika Laghu Uttareey Prashn : अगर आप 10वीं कक्षा का छात्र हैं। तो आपके लिए यहाँ पर History का Subjective Question दिया गया है। जिसे आप किसी भी समय पढ़ सकते हैं। History VVI Subjective Question PDF Download || Drishti Classes
अर्थव्यवस्था और आजीविका ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) |
Class 10th Arthvyavastha Aur Ajivika Laghu Uttareey Prashn
1. कोयला एवं लौह उद्योग ने औद्योगिकीकरण को गति प्रदान की। कैसे ?
उत्तर ⇒ वस्त्र उद्योग की प्रगति कोयले एवं लोहे के उद्योग पर बहुत अधिक निर्भर करती थी इसलिए अंग्रेजों ने इन उद्योगों पर बहुत अधिक ध्यान दिया। इंगलैंड में लोहे और कोयले की प्रचुर मात्रा में खानें थीं। सन् 1815 में हम्फ्री डेवी ने खानों में काम करने के लिए एक ‘सेफ्टी लैम्प’ का आविष्कार किया। 1815 ई० में हेनरी बेसेमर ने एक शक्तिशाली. भट्ठी विकसित करके लौह उद्योग को और भी अधिक बढावा दिया। इस तरह कोयला एवं लौह उद्योग ने औद्योगीकीकरण को गति प्रदान की।
2. औद्योगिक क्रांति से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ औद्योगिक क्रांति का अर्थ उत्पादन प्रणाली में हुए उन आधारभूत परिवर्तनों से है जिनके फलस्वरूप जनसाधारण को अपनी परंपरागत कृषि, व्यवसाय एवं घरेलू उद्योग-धंधों को छोड़कर नए प्रकार के उद्योगों में काम करने तथा यातायात के नवीन साधनों के प्रयोग का अवसर मिला। यह क्रांति सर्वप्रथम इंगलैंड में 18 वीं सदी के उत्तरार्द्ध में हुई। उद्योगों में मानवश्रम का स्थान मशीनों ने ले लिया। औद्योगिक क्रांति में न तो राजसत्ता का परिवर्तन हुआ और नहीं रक्तपात। यह क्रांति किसी निश्चित अवधि या तिथि को नहीं हुई, इसका निरंतर विकास होता रहा।
3. आदि-औद्योगिकीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ यूरोप और इंगलैंड में कारखानों में उत्पादन होने के पूर्व की स्थिति को इतिहासकारों ने आदि-औद्योगिकीकरण का नाम दिया है। इस समय भी बड़े स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए उत्पादन होता था। परंतु वह उत्पादन एक जगह कारखानों में न होकर दूर-दराज के गाँवों में तथा घरों में होता था।
4. औद्योगिक आयोग की स्थापना कब हुई ? इसके क्या उद्देश्य थे ?
उत्तर ⇒ औद्योगिक आयोग की नियुक्ति सन् 1916 में हुई। भारतीय उद्योग तथा व्यापार के भारतीय वित्त से संबंधित उन क्षेत्रों का पता लगाना, जिसे सरकार सहायता दे सके।
5. औद्योगिकीकरण के कारण क्या थे ?
उत्तर ⇒ औद्योगिकीकरण के महत्त्वपूर्ण कारण निम्नलिखित थे – नये – नये मशीनों का आविष्कार, फैक्ट्री प्रणाली की शुरुआत, कोयले एवं लोहे की प्रचुरता, सस्ते श्रम की उपलब्धता, यातायात की सुविधा।
अर्थव्यवस्था और आजीविका ( लघु उत्तरीय प्रश्न )
6. औद्योगिकीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ औद्योगिकीकरण अथवा उद्योगों की बृहत् रूप में स्थापना उस औद्योगिक क्रांति की देन है जिसमें वस्तुओं का उत्पादन मानव श्रम द्वारा न होकर मशीनों के द्वारा होता है। इसमें उत्पादन बृहत् पैमाने पर होता है और जिसकी खपत के लिए बड़े बाजार की आवश्यकता होती है। किसी भी देश के आधुनिकीकरण का एक प्रेरक तत्त्व उसका औद्योगिकीकरण होता है। अत: औद्योगिकीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें उत्पादन मशीनों के द्वारा कारखानों में होता है। इस प्रक्रिया में घरेलू उत्पादन पद्धति का स्थान कारखाना पद्धति ले लेता है।
7. फैक्ट्री प्रणाली के विकास के किन्हीं दो कारणों को बतायें।
उत्तर ⇒ फैक्ट्री प्रणाली के विकास के दो कारण निम्नलिखित थे।
(i) मशीनों एवं नये-नये यंत्रों का आविष्कार,
(ii) उद्योग तथा व्यापार के नये – नये केंद्रों के विकास ने फैक्ट्री प्रणाली को विकसित किया।
8. कलकत्ता में पहली देशी जूट मिल किसने स्थापित की ?
उत्तर ⇒ कलकत्ता में पहली देशी जूट मिल की स्थापना 1917 ई० में एक मारवाड़ी व्यवसायी सेठ हुकुमचंद ने किया था।
9. औद्योगीकरण ने मजदूरों की आजीविका को किस तरह प्रभावित किया ?
उत्तर ⇒ औद्योगिकीकरण के फलस्वरूप बड़े-बड़े कारखाने स्थापित हुए जिसके कारण लघु तथा कुटीर उद्योगों का पतन हो गया। कारखानों में रोजगार की तलाश में गाँवों से बेरोजगार लोगों का समूह शहरों की ओर आने लगे। उन्हें शहरों में नौकरियाँ ढूँढने में अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। कारखानों में श्रमिकों को स्थायी नौकरी नहीं मिलती थी। अनेक मजदूरों को काम का मौसम समाप्त होने के बाद नौकरी से हटा दिया जाता था। औद्योगिकीकरण ने मजदूरों की आजीविका को इस तरह प्रभावित किया कि उनके पास दैनिक उपयोग की वस्तुओं को खरीदने के लिए धन नहीं रहता था। शहरों में उनके रहने-ठहरने की समुचित व्यवस्था नहीं थी।
10. भारत में निरुद्योगीकरण क्यों हुआ ?
उत्तर ⇒ 1850 के बाद अंग्रेजी सरकार की औद्योगिक नीतियों – मुक्त व्यापार की नीति, भारतीय वस्तुओं के निर्यात पर सीमा और परिवहन शुल्क लगाने, रेलवे, कारखानों में अंग्रेजी पूँजी निवेश, भारत में अंग्रेजी आयात का बढ़ावा देने इत्यादि के फलस्वरूप भारतीय उद्योगों का विनाश हुआ। कारखानों की स्थापना की प्रक्रिया बढ़ी जिससे देशी उद्योग अपना महत्त्व खोने लगे। इससे भारतीय उद्योगों का निरुद्योगीकरण हुआ।
Class 10th Economy and Livelihood Subjective Question
11. सस्ते श्रम ने किस प्रकार औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिया ?
उत्तर ⇒ सस्ते श्रम की उपलब्धता औद्योगिकीकरण के विकास के लिए आवश्यक था। ब्रिटेन में बाड़ाबंदी अधिनियम 1792 ई० से लागू हुआ। बाड़ाबंदी प्रथा के कारण जमींदारों ने छोटे-छोटे खेतों को खरीदकर बड़े-बड़े फार्म स्थापित किए। किसान भूमिहीन मजदूर बन गए। बाड़ाबंदी कानून के कारण बेदखल भमिहीन किसान कारखानों में काम करने के लिए मजबूर हुए। ये कम मजदूरी पर भी काम करने को बाध्य थे। इस सस्ते श्रन ने उत्पादन को बढ़ाने में सहायता की। परिणामस्वरूप औद्योगिकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ।
12. 1881 के प्रथम कारखाना अधिनियम (फैक्ट्री एक्ट) का परिचय दें।
उत्तर ⇒ 1881 में पहला “फैक्ट्री एक्ट” (कारखाना अधिनियम) पारित हुआ। इसके द्वारा 7 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कारखाना में काम करने पर प्रतिबंध लगाया गया, 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए काम के घंटे तय किये गये तथा महिलाओं के भी काम के घंटे एवं मजदूरी तय की गई।
13. घरेलू और कटीर उद्योग को परिभाषित करें।
उत्तर ⇒ घरेलू उद्योगों में मशीनों का उपयोग नहीं होता था। जैसे खाद्य प्रसंस्करण, निर्माण, मिट्टी के बरतन बनाना, काँच का सामान बनाना, वस्त्र निर्माण, चमड़े का सामान बनाना, फर्नीचर निर्माण आदि घरेलू उद्योगों की श्रेणी में आते हैं। कुटीर उद्योग उपभोक्ता वस्तुओं अत्यधिक संख्या को रोजगार तथा राष्ट्रीय आय का अत्यधिक सामान वितरण सुनिश्चित करते हैं। कुटीर उद्योग जनसंख्या के बड़े शहरों में प्रवाह को रोकता है।
14. इंगलैंड ने अपने वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए क्या किया ?
उत्तर ⇒ इंगलैंड में यांत्रिक युग का आरंभ सूती वस्त्र उद्योग से हुआ। 1773 में लंकाशायर के वैज्ञानिक जान के ने फ्लाइंग शटल नामक मशीन बनाई। इससे बुनाई की रफ्तार बढी तथा सृत की माँग बढ़ गई। 1765 में ब्लैक बर्न के जेम्स हारग्रीब्ज ने स्पिनिंग जेनी बनाई। जिससे सत की कताई आठ गुना बढ़ गई। रिचर्ड आर्कराइट ने सूत कातने के लिए स्पिनिंग फ्रेम का आविष्कार किया, जिससे अब हाथ से सूत कातने का काम बंद हो गया। क्रॉम्पटन ने स्पिनिंग म्यूल नामक मशीन बनाई। इन मशीनों के आधार पर इंगलैंड में कम खर्च में ही बारीक सूत अधिक मात्रा में बनाए जाने लगे। इससे वस्त्र उद्योग में क्रांति आ गई। इन संयंत्रों की सहायता से इंगलैंड में वस्त्र उद्योग को बढ़ावा मिला।
15. 1813 ई० का चार्टर एक्ट क्या था ?
उत्तर ⇒ 1813 ई० में ब्रिटिश संसद द्वारा पारित अधिनियम था जिसमें व्यापार पर से ईस्ट इंडिया कंपनी का एकाधिपत्य समाप्त कर दिया गया तथा उसके स्थान पर मुक्त व्यापार की नीति (Policy of Free Trade) का अनुसरण किया गया।
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16. उत्पादक अपने उत्पादों को प्रचार करने के लिए कौन-कौन से साधन अपनाते थे ?
उत्तर ⇒ उत्पादों को बेचने के लिए एवं ग्राहकों को आकृष्ट करने के लिए उत्पादक अपने सामान पर लेबल लगाते थे। लेबलों से ही उत्पाद की गुणवत्ता स्पष्ट होती थी। अनेक लेबलों पर प्रभावशाली व्यक्तियों और देवी-देवताओं के चित्र बनाए जाते थे जिससे ग्राहक उनकी ओर आकृष्ट होते थे। 19वीं सदी के अंतिम चरण से उत्पादकों ने अपने-अपने उत्पादन के प्रचार के लिए आकर्षक कैलेंडर छपवाने आरंभ किए।
17. स्वदेशी आंदोलन का उद्योगों पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर ⇒ 1905 के बंग – भंग आंदोलन में स्वदेशी और बहिष्कार की नीति से भारतीय उद्योग लाभान्वित हुए। धागा के स्थान पर कपड़ा बनना आरंभ हुआ। इससे वस्त्र उत्पादन में तेजी आई। 1912 तक सूती वस्त्र उत्पादन दोगुना हो गया। उद्योगपतियों ने सरकार पर दबाव डाला कि वह आयात-शुल्क में वृद्धि करे तथा देशी उद्योगों को रियायत प्रदान करे। कपडा उद्योग के अतिरिक्त अन्य छोटे उद्योगों का भी विकास स्वदेशी आंदोलन के कारण हुआ।
18. 1850 के बाद ब्रिटिश सरकार ने अपने उद्योगों को विकसित करने के लिए क्या किया? इसका देशी उद्योगों पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर ⇒ 1850 के बाद ब्रिटिश सरकार ने अपने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मुक्त व्यापार की नीति अपनाई। भारत से आयातित निर्मित वस्तुओं पर भारी बिक्री कर सीमा शुल्क और परिवहन कर लगाया गया। भारत से कच्चा माल का निर्यात किया जाने लगा। इससे देशी कुटीर उद्योगों पर बुरा प्रभाव पड़ा।
19. 1850 -1914 तक के भारतीय उद्योगों की क्या विशेषता थी ?
उत्तर ⇒ इस अवधि में वैसे उद्योगों को बढ़ावा दिया गया जो निर्यात करनेवाले सामानों का उत्पादन करते थे और जो राष्ट्र के लिए लाभदायक थे जैसे-पटसन और चाय।. साथ ही वैसे माल का उत्पादन हुआ जिसमें विदेशी प्रतिस्पर्धा अधिक नहीं थी।
20. वर्तमान समय में भारत में कितने स्टील प्लांट हैं ?
उत्तर ⇒ वर्तमान समय में भारत में 7 स्टील प्लांट कार्यरत हैं। ये हैं –
(i) इंडियन आयरन एंड स्टील कंपनी, हीरापुर
(ii) टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी जमशेदपुर
(iii) विश्वेश्वरैया आयरन एंड स्टील कंपनी, ‘भद्रावती (कर्नाटक)
(iv) राउरकेला स्टील प्लांट, राउरकेला
(v) भिलाई स्टील प्लांट, भिलाई
(vi) दुर्गापुर स्टील प्लांट, दुर्गापुर तथा
(vii) बोकारो स्टील प्लांट, बोकारो।
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21. स्लम पद्धति की शुरुआत कैसे हुई ?
अथवा, स्लम से आप क्या समझते हैं ? इसकी शुरुआत क्यों और कैसे हुइ ?
उत्तर ⇒ छोटे, गंदे और अस्वास्थ्यकर स्थानों में जहाँ फैक्ट्री मजदूर निवास करते हैं वैसे आवासीय स्थलों को ‘स्लम’ कहा जाता है।
औद्योगिकीकरण के फलस्वरूप बड़े-बड़े कारखाने स्थापित हुए जिसमें काम करने के लिए बड़ी संख्या में गाँवों से मजदूर पहुँचाने लगे। वहाँ रहने की कोई व्यवस्था नहीं थी। मजदूर कारखाने के निकट रहें, इसलिए कारखानों के मालिकों ने उनके लिए छोटे-छोटे तंग मकान बनवाए। जिसमें सविधाएँ उपलब्ध नहीं थीं। इन मकानों में हवा, पानी तथा रोशनी तथा साफ-सफाई की व्यवस्था भी नहीं थी। इस प्रकार औद्योगिकीकरण के फलस्वरूप स्लम पद्धति की शुरुआत हुई।
22. अठारहवीं शताब्दी में भारत के मुख्य उद्योग कौन-कौन से थे ?
उत्तर ⇒ अठारहवीं शताब्दी तक भारतीय उद्योग विश्व में सबसे अधिक विकसित थे। इस समय कुटीर उद्योग, भारतीय हस्तकला, शिल्प उद्योग मुख्य रूप से प्रचलित थे।
23. भारत की आजादी के बाद कुटीर उद्योग के विकास में भारत सरकार की नीतियों को लिखें।
उत्तर ⇒ कुटीर उद्योगों की उपयोगिता और उनके महत्त्व को देखते हुए स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। 1948 की औद्योगिक नीति के द्वारा लघु एवं कुटीर उद्योग को प्रोत्साहन दिया गया। 1952-53 में लघु उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए हथकरघा, सिल्क, खादी, नारियल के रेशे एवं ग्रामीण उद्योग बोर्ड स्थापित किए गए। 1980 की औद्योगिक नीति घोषणा-पत्र में कृषि आधारित उद्योगों को विकसित करने पर बल दिया गया। Class 10th Arthvyavastha Aur Ajivika Laghu Uttareey Prashn
24. यातायात की सुविधा ने औद्योगिकीकरण की गति को किस प्रकार तीव्र किया ?
उत्तर ⇒ यातायात की सुविधा ने फैक्ट्री से उत्पादित वस्तुओं को एक जगह से दूसरे जगह पर ले जाने तथा कच्चा माल के फैक्ट्री तक लाने में सहायता की। रेलमार्ग शुरू होने से पहले नदियों एवं समुद्र के रास्ते व्यापार होता था। जहाजों के द्वारा माल को तटों पर पहुँचाया जाता था। रेल के विकास ने औद्योगिकीकरण की गति को तीव्र कर दिया। रेलों द्वारा कोयला, लोहा एवं अन्य औद्योगिक वस्तुओं को कम समय में और कम खर्च पर ले जाना संभव हुआ। अतः यातायात की इन सुविधाओं ने औद्योगिकीकरण की गति को तीव्र कर दिया।
25. भारत में सूती वस्त्र उद्योग का विकास लिखें।
उत्तर ⇒ भारत में कुटीर उद्योग के पतन के बाद देशी एवं विदेशी पूँजी लगाकर वस्त्र उद्योग की कई फैक्ट्रियाँ खोली गयी। 1851 में बंबई में सर्वप्रथम सूती कपड़े की मिल खोली गई। 1854 में पहला वस्त्र उद्योग का कारखाना कावसजी नानाजी दाभार ने खोला। सन् 1854 से 1880 तक 30 कारखानों का निर्माण हुआ। 1880 से 1895 तक सूती कपड़ों के मिलों की संख्या 39 से भी अधिक हो गई। इस समय सस्ते मशीनों को आयात करके भारत में सूती वस्त्र उद्योग को बहुत बढ़ाया गया 1895 से 1914 तक के बीच सूती मिलों की संख्या 144 तक पहुँच गयी थी और भारतीय सूती धागे का निर्यात चीन को होने लगा।
Class 10 History Questions and answers in Hindi
26. ब्रिटेन में महिला कामगारों ने स्पिनिंग जेनी पर क्यों हमले किए ?
उत्तर ⇒ बेरोजगारी की आशंका से मजदूर कारखानेदारी एवं मशीनों के व्यवहार का विरोध कर रहे थे। इसी क्रम में ऊन उद्योग में स्पिनिंग जेनी मशीन का जब व्यवहार होने लगा तब इस उद्योग में लगी महिलाओं ने इसका विरोध आरंभ किया। उन्हें अपना रोजगार छिनने की आशंका थी। अत: उन लोगों ने स्पिनिंग जेनी मशीनों पर आक्रमण कर उन्हें तोड़ना आरंभ किया। उस स्थिति का वर्णन एक मैजिस्ट्रेट ने किया है, जिसकी नियुक्ति मजदूरों के हमले से निर्माता की संपत्ति की सुरक्षा के लिए की गयी थी।
27. प्रथम विश्वयुद्ध के पहले यूरोपीय व्यापारिक कंपनियाँ तथा बैंक के किस प्रकार भारतीय उद्योगों के विकास में सहायक थे ?
उत्तर ⇒ प्रथम विश्वयुद्ध के पहले तक यूरोप की कंपनियाँ व्यापार में पूँजी लगाती थी। यह प्रबंधकीय एजेंसियों के द्वारा होता था. जो उद्योगों पर नियंत्रण भी रखते थे। इनमें बर्ड हिगलर्स एंड कंपनी, एंडयूल और जार्डीन स्किनर एंड कंपनी सबसे बड़ी कंपनियाँ थी। यद्यपि भारत में 1895 में पंजाब नेशनल बैंक, 1906 में बैंक ऑफ इंडिया, 1907 में इंडियन बैंक, 1911 में सेंट्रल बैंक, 1913 में द बैंक ऑफ मैसर तथा ज्वाइंट स्टॉक बैंकों की स्थापना हुई। ये बैंक भारतीय उद्योगों के विकास में सहायक थे।
28. जॉबर कौन थे ?
उत्तर ⇒ कारखानों तथा मिलों में मजदूरों और कामगारों की नियुक्ति का माध्यम जॉबर या रोजगार दिलवाने वाला होता था। प्रत्येक मिल मालिक जॉबर नियुक्त करता था। यह मालिक का विश्वस्त कर्मचारी होता था। वह आवश्यकतानुसार अपने गाँव से लोगों को लाता था और उन्हें कारखानों में नौकरी दिलवाता था एवं मजदूरों को शहर में रहने और उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायता करता था।
29. गुमाश्ता कौन थे ?
उत्तर ⇒ गुमाश्ता अंग्रेज व्यापारियों के एजेंट थे जिनकी सहायता से भारतीय कारीगरों (बुनकरों) को पेशगी की रकम देकर उनसे उत्पादन कराया जाता था। ये बुनकरों पर नियंत्रण रखते थे। ये वस्तुओं की गुणवत्ता का भी ध्यान रखते थे। Class 10th Arthvyavastha Aur Ajivika Laghu Uttareey Prashn
30. बाड़ाबंदी अधिनियम क्या है ?
उत्तर ⇒ बाड़ाबंदी अधिनियम इंगलैंड में 1792 ई० में लागू हुआ। बाड़ाबंदी प्रथा के कारण जमींदारों ने छोटे-छोटे खेतों को खरीदकर बड़े-बड़े फार्म स्थापित किए। इसके कारण छोटे किसान भूमिहीन मजदूर बन गए।
अर्थव्यवस्था और आजीविका Notes
31. लैसेज फेयर क्या था? ‘
उत्तर ⇒ किसी सरकार द्वारा देश की किसी निजी आर्थिक क्रिया में हस्तक्षेप न करना, इसी अहस्तक्षेप की नीति को ‘लैसेज फेयर’ के नाम से जाना जाता है। इसमें माँग एवं पूर्ति की स्वतंत्र शक्तियाँ अर्थव्यवस्था में स्वतः संतुलन बना लेती हैं।
32. बुर्जुआ वर्ग की उत्पत्ति कैसे हुई ?
उत्तर ⇒ शहरों के उद्भव से समाज में बुर्जुआ या मध्यम वर्ग की उत्पत्ति हुई। एक नए शिक्षित वर्ग का अभ्युदय जहाँ विभिन्न पेशों में रहकर भी औसतन एक समान आय प्राप्त करने वाले वर्ग के रूप में उभर कर आए एवं बुद्धिजीवी (बुर्जुआ) वर्ग के रूप में स्वीकार किए गए।
33. ईस्ट इंडिया कंपनी ने गुमाश्तों को क्यों बहाल किया ?
उत्तर ⇒ बुनकरों पर नियंत्रण तथा वस्तुओं की गुणवत्ता का ध्यान रखने के लिए ही गुमाश्तों को बहाल किया गया था। Class 10th Arthvyavastha Aur Ajivika Laghu Uttareey Prashn
34. फ्लाईंग शटल के व्यवहार का हथकरघा उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर ⇒ फ्लाईंग शटल से जहाँ एक ओर उत्पादन में वृद्धि हुई वहीं कारीगरों की संख्या में कमी लाकर भी बचत किया गया। इससे बुनकरों को दोगुना लाभ हुआ। फ्लाईंग शटल का व्यवहार हथकरघा उद्योग में तेजी से बढ़ने लगा। 1941 तक 35 प्रतिशत से अधिक हथकरघे पलाईंग शटल द्वारा संचालित होने लगे। त्रावनकोर, मैसूर, कोचीन, बंगाल में हथकरघा उद्योग में फ्लाईंग शटल का व्यवहार 70-80 प्रतिशत तक होने लगा। ये क्षेत्र हथकरघा उद्योग के केंद्र बन गए जहाँ बड़े स्तर पर उत्पादन किया जाने लगा। बढ़े हुए उत्पादन के आधार पर हथकरघा उद्योग मिलों में उत्पादित वस्त्र का मुकाबला करने की स्थिति में आ गया।
35. लंदन को “फिनिशिंग-सेंटर” क्यों कहा जाता था ?
उत्तर ⇒ इंगलैंड के कपड़ा व्यापारी वैसे लोगों से जो रेशों के हिसाब से ऊन छाँटते थे (स्टेप्लर्स) ऊन खरीदते थे। इस ऊन को वे सूत काटने वालों तक पहुँचाते थे। तैयार धागा वस्त्र बुनने वालों, चुन्नटों के सहारे कपड़ा समेटने वालों (फलर्ज) और कपड़ा रंगने वालों रंगसाजों के पास ले जाया जाता था। रंगा हुआ वस्त्र लंदन पहुँचता था जहाँ उसकी फिनिशिंग होती थी। इसलिए लंदन को ‘फिनिशिंग सेंटर’ कहा जाता था।
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36. 1850-60 के बाद भारत में बगीचा उद्योग के विषय में लिखें।
उत्तर ⇒ 1850-60 के बाद भारत के बगीचा उद्योग में नील, चाय, रबड, कॉफी और पटसन मिलों की शुरुआत हुई। इन उद्योगों पर अधिकतम विदेशी उद्योगपतियों का प्रभाव था तथा इन्हें सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जाता था।