Bihar Board Matric Previous Question Papers,

Bihar Board Matric Previous Question Papers : मैट्रिक बोर्ड परीक्षा में हिंन्दी सब्जेक्ट से पूछे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

Bihar Board Matric Previous Question Papers : दोस्तों, यदि आप Bihar School Examination Board द्वारा आयोजित Matric Board exam में शामिल होने जा रहे हैं, तो उन सभी छात्रों के लिए हमने यहां पिछले कई वर्षों से बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न और पिछले वर्ष पूछे गए कुछ Important Questions का संग्रह किया है। इसलिए, जो भी छात्र 2024 Matric Board exam में शामिल होने जा रहे हैं, उन्हें नीचे दिए गए प्रश्नों को एक बार अवश्य पढ़ना चाहिए।

Bihar Board Matric Previous Question Papers

बिहार बोर्ड मॉडल पेपर तथा बोर्ड लेटेस्ट अपडेट से जुड़े ताजा अपडेट और बोर्ड परीक्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए नीचे दिए गए टेलीग्राम चैनल और व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें।

Class 10th Hindi Previous Question

1. निम्नांकित वाक्यों को शुद्ध करें-

अशुद्ध शुद्ध
(क) श्रीकृष्ण के अनेक नाम हैं। (क) श्रीकृष्ण के अनेक नाम हैं।
(ख) हमारी सौभाग्यवती कन्या का विवाह होने जा रहा है।
(ख) हमारी कल्याणी कन्या का विवाह होने जा रहा है।
(ग) मेरा नाम श्री कमल किशोर जी है।
(ग) मेरा नाम कमल किशोर है।
(घ) मैं गाने की कसरत कर रहा हूँ।
(घ) मैं गाने का अभ्यास कर रहा हूँ।
(ङ) कई रेलवे के कर्मचारियों की छंटनी हुई।(ङ) रेलवे के कई कर्मचारियों की छंटनी हुई।

2 . कारक के भेदों का नाम विभक्ति चिह्नों के साथ लिखें।

कारक : जो क्रिया की उत्पति में सहायक हो, उसे कारक कहते हैं। जैसे- कृष्ण ने पाण्डवों से कौरवों का नाश करवा दिया।

कारक के भेद : हिन्दी में आठ कारक हैं, इनके नाम, विभक्तियाँ और लक्षण निम्नांकित हैं —

कारक विभक्तियां 
कर्ता ने 
कर्म को 
करण से 
संप्रदान को,के लिए 
अपदान से 
संबंन्ध में, पर, का, के, की 
अधिकरण में 
सम्बोधन हे, हो, अरे, अजी, अहा!

3. सही विकल्प चुनकर उत्तर दें-

(i) जिसके शेखर पर चन्द्र हो के लिए एक शब्द है

(क) शेखरचन्द्र

(ख) चन्द्रशेखर

(ग) चन्द्रमाशेखर

(घ) शेखर चन्द्रमा

Show Answer
(ख) चन्द्रशेखर

(ii) अमावस्या का विपरीतार्थक शब्द है

(क) पूर्णिमा

(ख) कालिमा

(ग) श्वेतिमा

(घ) सर्वग्रास

Show Answer
(क) पूर्णिमा 

(iii) ‘क’ वर्ण का उच्चारण स्थान है

(क) कंठ

(ख) तालु

(म) देत

(घ) मूर्द्धा

Show Answer
(क) कंठ

(iv) सूक्ति का संधि-विच्छेद है

(क) स + उक्ति

(ख) सु + उक्ति

(ग) सू + उक्ति

(घ) शू + उक्ति

Show Answer
(ख) सु + उक्ति

(v) ‘यथाशक्ति’ कौन समास है ?

(क) कर्मधारय

(ख) द्वन्द्व

(ग) अव्ययीभाव

(घ) बहुव्रीहि

Show Answer
(ख) द्वन्द्व

Hindi Previous Year Question Papers Class 10 With Solutions

4. (अ) निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखें-

कहानी अपनी कथा-वृत्ति के कारण, संसार की प्राचीनतम विधा है। गल्प, कथा, आख्यायिका, कहानी इन अनेक नामों से आख्यात-विख्यात कहानी का इतिहास विविध कोणीय है। युगान्तर के साथ कहानी में परिवर्तन हुए हैं और इसकी परिभाषाएँ भी बदली हैं। कहानी का रंगमंचीय संस्करण है एकांकी। इसी तरह उपन्यास का रंगमचीय संस्करण है नाटक। लेकिन उपन्यास और कहानी अलग- अलग हैं। कहानी में एकान्वित प्रभाव होता है, उपन्यास में समेकित प्रभावान्विति होती है। कहानी को बुलबुला और उपन्यास को प्रवाह माना गया है। कहानी टार्चलाइट है, किसी एक बिन्दु या वस्तु को प्रकाशित करती है, उपन्यास दिन के प्रकाश की तरह शब्दों को समान रूप से प्रकाशित करता है। कहानी में एक ओर एक घटना ही होती है। उपन्यास में प्रमुख और गौण कथाएँ होती हैं। कहानी ध्रुपद की तान की तरह है, आरम्भ होते ही समाप्ति का सम-विषम उपस्थित हो जाता है। उपन्यास शास्त्रीय संगीत का आलाप है। आलाप में आधी रात गुजर जाती है। कुछ लोग दर्शक दीर्घा में सो जाते हैं, कुछ घर लौट जाते हैं पर कहानी शुरू हो गयी तो पढ़ने वाले को खत्म तक पहुँचने को लाचार कर देती है। चाहे परोसा गया खाना तब ठंडा हो या डाकिया दरवाजे पर खड़ा हो। कहानी प्रमुख हो जाती है। उपन्यास पुस्तक से निकलकर पाठक के साथ शौचालय, शयनगृह, चौराहा-सड़क सर्वत्र चलने लगता है।

(क) उपर्युक्त गद्यांश का एक समुचित शीर्षक दें।

Ans:- कहानी और उपन्यास। 

(ख) ‘कहानी’ अन्य किन मानों से आख्यात-विख्यात है?

Ans:- कहानी के अनेक नाम हैं, यथा- गल्प, आख्यायिका और कथा। 

(ग) कहानी और उपन्यास में मुख्य अन्तर क्या है?

Ans:-  कहानी में पूर्णतः एक ही कथा होती है, जबकि उपन्यास में एक प्रमुख और अनेक गौण कथाएँ होती है। कहानी में एकान्वित प्रभाव होता है और उपन्यास में समेकित।

(घ) उपन्यास पुस्तक से निकलकर पाठक के साथ कहाँ-कहाँ चलने लगता है?

Ans:- उपन्यास पुस्तक से। निकलकार पाठक के साथ शौचालय, शयनगृह, चौराहा सड़क सर्वत्र घूमने लगता है।

(ङ) कहानी पाठक को किस प्रकार लाचार कर देती है?

Ans:- कहानी पाठक को इतना लाचार कर देती है कि परोसा गया उसका खाना ठंडा हो जाता है, डाकिया दरवाजे पर दस्तक देता है लेकिन वह कहानी नहीं छोड़ता जब तक वह खत्म नहीं हो जाती।

(च) संसार की प्राचीनतम विधा कहानी क्यों है?

Ans:- कहानी अपनी कथा-वृत्ति के कारण संसार की प्राचीनतम विधा है।

(ब) निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखें-

प्रकृति और मनुष्य का सम्बन्ध ऐतिहासिक दृष्टि से काफी बाद में शुरू हुआ, क्योंकि प्रकृति पहले से थी, मनुष्य बाद में आया। लेकिन अपने विकास के क्रम में मनुष्य ने शीघ्र ही प्रकृति पर अपनी इच्छा आरोपित करनी चाही और तब से संघर्ष और स्वीकृति का एक लोमहर्षक नाटक मनुष्य और प्रकृति के बीच चला आ रहा है। आज भी मनुष्य प्रकृति का ही पुत्र है। जन्म, जीवन, यौवन, जरा, मरण आदि अपनी अनेक स्थितियों में वह आज भी प्राकृतिक नियमों से मुक्त नहीं हो सका है। इसके बावजूद निरन्तर उसकी चेष्टा यही रही है कि वह ज्ञान-विज्ञान की अपनी सामूहिक उद्यमशीलता के बल पर प्रकृति को पूर्णतः अपने वश में कर ले। यह इतिहास मनुष्य के विजय और प्रगति का इतिहास है या उसकी पराजय और दुर्गति का, इसे वह स्वयं भी ठीक-ठीक नहीं समझ सका है। पर जिसे हम मनुष्य की जयगाथा कहकर पुलकित हो रहे हैं, वह असल में मनुष्य की पराजय, बल्कि उसके आत्म-हनन की गाथा है।

(क) प्रस्तुत गद्यांश का एक उपयुक्त शीर्षक दें।

Ans:- प्रकृति और मनुष्य। 

(ख) विकास के क्रम में मनुष्य किसपर और क्या आरोपित करना चाहा?

Ans:- अपने विकास के क्रम में मनुष्य ने अपनी इच्छा प्रकृति पर थोपनी चाही, तभी से यह संघर्ष चला आ रहा है।

(ग) मनुष्य क्या ठीक-ठीक नहीं समझ सका है?

Ans:- मनुष्य आज भी अनेक मामलों में प्रकृति का दास है किन्तु चाहता है कि ज्ञान-विज्ञान और अपने उद्यम से उसे अपने वश में कर ले। यह उसकी जय है या पराजय, वह, यानी मनुष्य, नहीं समझ सका है। 

(घ) मनुष्य के पराजय और आत्म-हनन की गाथा क्या है?

Ans:- मनुष्य ने अनेक मामलों में प्रकृति पर विजय प्राप्त की है किन्तु प्रकारान्तर से उसे इसका मूल्य की चुकाना पड़ता है। पर्यावरण संबंधी अनेक कठिनाइयाँ उत्पन्न हुई हैं। यह दरअसल, मनुष्य की जय नहीं; पराजय की कथा है।

Previous Year Hindi Question Paper Class 10

5. (अ) निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर 250 शब्दों में निबंध लिखिए।

(क) प्रगति के पथ पर बिहार

भूमिका : बिहार भारत का वह भू-भाग है जिसके बिना भारत के इतिहास की कल्पना भी नहीं की जा सकती। राजनीति, धर्म, पांडित्य, साहित्य और अन्यान्य क्षेत्रों में इसकी महती भूमिका है।

रवपूर्ण अतीत : बिहार ने ही चाण्क्य जैसा अर्थशास्त्री, चन्द्रगुप्त और अशोक जैसा राजा, महावीर और बुद्ध जैसा धर्म प्रवर्तक, आर्यभट्ट जैसा वैज्ञानिक, शेरशाह जैसा शासक, जीवक जैसा वैद्यराज, कुंवर सिंह जैसा साहसी वीर, जयप्रकाश जैसा क्रांतिकारी दिया है।

विभाजन के बाद की स्थिति : कभी यह खनिज संपदा से भी परिपूर्ण था लेकिन, हाल में झारखण्ड के अलग राज्य बनने से यह संपदा कम हो चली है। ऐसे संपन्न राज्य में एक समय ऐसा आया कि यहाँ की ख्याति अपहरण, रंगदारी, बुरी सड़कें, अशिक्षा, गरीबी, कुपोषण, बेरोजगारी के समुद्र के रूप में होने लगी।

सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक प्रगति : किन्तु पिछले कुछ दिनों से बिहार में सबकुछ नया-नया लगता है। चार-पाँच वर्षों के दौरान जो हुआ है, उसकी सराहना सर्वत्र हो रही है। पंचायतों और नगर निकायों में महिलाओं के पचास प्रतिशत आरक्षण से महौल बदल गया है। नारियाँ सिर उठाकर चलने लगी हैं। लड़कियों को पोशाक और साइकिल देने की सरकार की योजना से स्कूली छात्राओं की

संख्या में काफी वृद्धि हुई है। वे अब लड़कों से कम नहीं हैं। सूबे में अब चमचमाती सड़कें हैं, एक हजार हुआ है। लाख के करीब शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। लोगों को नरेगा के अन्तर्गत काम मिलने लगा है, से अधिक पुलों-पुलियों का निर्माण हो चुका है।

वर्तमान समय की उपलब्धियाँ तथा उज्ज्वल भविष्य के संकेत : रोजगार के क्षेत्र में भी काम हजारों सिपाहियों की नियुक्ति होनेवाली है। स्वरोजगार योजना के अंतर्गत मछली पालन, मुर्गी-पालन का कारोबार शुरू हुआ है। बुनकरों के लिए भी सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। यह सब हुआ है किन्तु अभी भी बहुत कुछ नहीं हुआ है। उद्योगों की स्थापना के मामले में हम पिछड़े ही हैं, बिजली उत्पादन आवश्यकता से बहुत कम है, बेरोजगारी अभी भी बरकरार है। बिहारी प्रतिभा का लोहा तो दुनिया मानती है किन्तु इसे सँवारने के लिए उच्च और तकनीकि संस्थाओं की जरूरत है। बाढ़ से निजात अभी तक नहीं मिली है। अगर यही रफ्तार रही तो निश्चित ही बिहार और बिहारी सबसे आगे होंगे।

(ख) दहेज प्रथा-एक अभिशाप

भूमिका : दहेज भारतीय समाज के लिए अभिशाप है। यह कुप्रथा घुन की तरह समाज को खोखला करती चली जा रही है। इसने नारी जीवन सामाजिक व्यवस्था को तहस-नहस करके रख दिया है।

प्राचीन काल में इसके रूप : दहेज प्रथा के दुष्परिणाम विभिन्न हैं- या तो कन्या के पिता को लाखों का दहेज देने के लिए घूस, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, कालाबाजार आदि का सहारा लेना पड़ता है, या उसकी कन्याएँ अयोग्य वरों के मत्थे मढ़ दी जाती हैं। हम रोज समाचार पत्रों में पढ़ते हैं कि अमुक शहर में कोई युवती रेल के नीचे कट मरी, किसी बहू को ससुराल वालों ने जलाकर मार डाला, किसी ने छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। ये सब घिनौने परिणाम दहेजरूपी दैत्य के ही हैं।

इसे रोकने के कानूनी प्रावधान: हालाँकि दहेज को रोकने के लिए समाज में संस्थाएँ बनी हैं, युवकों से प्रतिज्ञा-पत्रों पर हस्ताक्षर भी लिये गए हैं, कानून भी बने हैं, परन्तु समस्या ज्यों-की-त्यों है। सरकार ने दहेज निषेध ‘अधिनियम के अंतर्गत दहेज के दोषी को कड़ा दंड देने का विधान रखा है। पर

Class 10 indi Previous Year Question Paper

6. मंगमा का चरित्र-चित्रण कीजिए।

Ans. मंगम्मा अपने छोटे-से परिवार की स्वामिनी है। वह वात्सल्यमयी है। वह अपने पोते को बहुत प्यार करती है। वह पतित्यक्ता है। उसमें जीवन के प्रति एक प्रकार की ऊब भी है और एक प्रकार का आकर्षण भी। उसमें लोकजीवन के सारे संस्कार वर्तमान हैं। उसमें अपने परिवार के प्रति अतिशय लगाव है। वह स्वाभिमानिनी है। अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए ही वह अपने बहू-बेटा से अलग हो जाती है।

7. माँ मंगु को अस्पताल में क्यों नहीं भर्ती कराना चाहती है? विचार करें।

Ans. माँ अस्पताल की व्यवस्था से मन-ही-मन काँप जाती थी। वह लोगों को अस्पताल के लिए गोशालाओं की उपमा देती थीं। मंगु बिस्तर पर पखाना-पेशाब कर देती थी। वह बिछौने पर ही खाती थी। माँजी में आत्मविश्वास था कि अस्पताल में डॉक्टर नर्स आदि सभी अपना कोरम पूरा करेंगे। बिस्तर भींगने पर कौन उसके कपड़े और बिस्तर बदलेगा। माँजी के मन में इसी तरह के विविध प्रश्न उठा करते थे। इन्हीं कारणों से वह मंगु को अस्पताल में भर्ती नहीं कराना चाहती थी।

8. (अ) सीता अपने ही घर में घुटन क्यों महसूस करती है?

Ans. सीता के तीन बेटे, बहुएं और पोते-पोतियाँ हैं। मात्र बच्चों को छोड़कर उससे किसी को लगाव नहीं है। बच्चे भी जंब आकर उसके पास खेलते-कूदते हैं तो बहुएँ चीखती-चिल्लाती हैं। कोई बेटा, पास आकर उसका हाल-चाल नहीं पूछता, न कभी कोई आकर बैठता है। बहुएँ अक्सर जली-कटी सुनाती हैं। तीनों बेटों ने तय कर लिया है कि सीता बारी-बारी से हर एक के यहाँ रहेगी और उसके यहाँ ही खाएगी। इसी कारण सीता को अपने ही घर में घुटन महसूस करती है।

(ब) लेखक ने कहानी का शीर्षक ‘नगर’ क्यों रखा? स्पष्ट करें।

Ans. कहानीकार द्वारा कहानी का शीर्षक रखने के कारण अनेक हैं। पहला तो यह कि कहानी की मुख्य घटना नगर में ही घटती है। दूसरी बात यह है कि कहानी का मूल उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की कर्त्तव्यहीनता, लापरवाही, भ्रष्टाचार और आम जनता के प्रति उनकी संवेदनहीनता दिखाना है और इसके लिए नगर स्थित कोई सरकारी बड़ा संस्थान ही हो सकता है। तीसरी बात यह है कि शास्त्रीय दृष्टि से शीर्षक अत्यंत छोटा और आकर्षक होना चाहिए। इस दृष्टि से भी ‘नगर’ शीर्षक उपयुक्त है क्योंकि छोटा होने के साथ-साथ यह औत्सुक्यवर्द्धक है क्योंकि ‘नगर’ पढ़ने के साथ ही यह उत्सुकता पैदा होती है कि नगर की कौन-सी घटना, कैसी घटना किससे संबंधित कथा है। इस प्रकार, ‘नगर’ शीर्षक अत्यंत उपयुक्त है।

Hindi Previous Year Question Paper Class 10

9. खोखा किन मामलों में अपवाद था?

Ans. सेन-दंपत्ति अपनी लड़कियों को सभ्यता, सुसंस्कार का पाठ पढ़ाये थे। वे अपने घर में शिष्टता का व्यवहार कायम करने के लिए अपनी पाँचों बेटियों को सुशिक्षित करने का भरपूर प्रयास किये थे। लेकिन, जब खोखा का आविर्भाव तब वह जीवन का अपवाद समझा गया एवं उसका पालन-पोषण अत्यधिक लाड़-प्यार से किया जाने लगा। लाड़-प्यार के कारण वह गलती भी करता तो उसकी गलतियों के अलग तर्क दिए जाते। मोटरगाड़ी में कुछ हानि भी पहुँचाता तो उसे संभावित इंजीनियर के रूप में देखा जाता। इसके लिए शिक्षा के सिद्धांत दांत भी अलग तैयार किया गया। अर्थात् खोखा को जीवन के वास्तविक • आदर्शों के अनुसार चलने का तालिम नहीं देकर सेनों ने उसके स्वभाव व्यवहार के मुताबिक सिद्धांतों को ही बदल लिया था।

10. अम्बेदकर के अनुसार जाति-प्रथा भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख और प्रत्यक्ष कारण कैसे बनी हुई है? 

Ans. जाति-प्रथा में श्रम-विभाजन मनुष्य की स्वेच्छा पर निर्भर नहीं रहता। इसमें मानवीय कार्यकुशलता की वृद्धि नहीं हो पाती, इसमें स्वभावतः मनुष्य को दुर्भावना से ग्रस्त रहकर कम और टालू कार्य करने को विवश होना पड़ता है। इस प्रथा में मनुष्य निष्क्रिय हो जाता है। इन बातों के माध्यम से लेखन ने आर्थिक पहलू से भी जाति-प्रथा को हानिकारक सिद्ध किया है। साथ ही ऐसी प्रथा में समता, भ्रातृत्व एवं स्वतंत्रता नहीं होता जिससे समझा जा सकता है कि जाति-प्रथा रचनात्मक पहलू से भी हानिकर है

11. अपने शब्दों में पहली बार दिखे बहादुर का वर्णन कीजिए।

Ans. पहली बार दिखे बहादुर की उम्र बारह-तेरह वर्ष की थी। उसका रंग, मुँह एवं शरीर ठिगना चकइठ था। वह सफेद नेकर, आधी बाह की सफेद कमीज़ और भूरे रंग का पुराना जूता पहना था।

12. ‘बिस्मिल्ला खाँ मतलब – बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई।’ एक कलाकार के रूप में बिस्मिल्ला खाँ का परिचय पाठ के आधार पर दें।

Ans. बिसिमल्ला खाँ जब हाथ में शहनाई लेकर उसे फूंकते थे तो शहनाई की आवाज सबके सिर चढ़कर बोलने लगती थी। उनकी शहनाई में सरगम था। उन्हें ताल मालूम था, राग मालूम था। सातों सुर आकार लेने लगते थे। संगीत का सुहाना सफर शुरू हो जाता था। उन्हें सरकार ने ‘भारतरत्न’ से सम्मानित किया, फिर भी वे अत्यन्त विनम्र रहे, शहनाई के शाहंशाह थे लेकिन कभी किसी कलाकार की आलोचना नहीं की। जिनसे भी सीखा उनके प्रति आदर-भाव रखा। इस प्रकार, वे एक सच्चे कलाकार थे।

Hindi Previous Year Question Paper Class 10 Bihar Board

13. निम्नलिखित पंक्तियों का भाव सौंदर्य स्पष्ट करें-

“धूप में वारिश में
गर्मी में सर्दी में
हमेशा चौकन्ना
अपनी खाकी वर्दी में”

Ans. बूढ़ा चौकीदार वृक्ष हर स्थिति में अपना कर्तव्य बड़ी तत्परता के साथ निभाता है। वह अपनी खाकी वर्दी में बड़ी सावधानी के साथ पहरेदारी करता है। किसी अपरिचित को देखकर वह ललकार उठता है। परिचित अपने को उसका दोस्त बताते हैं।

14. ‘हमारी नींद’ शीर्षक कविता में कवि ने किन अत्याचारियों का जिक्र किया है और क्यों?

Ans. कवि यहाँ उन अत्याचारियों को जिक्र करता है जो हमारी सुविधाभोगी, आराम पसंद जीवन से लाभ उठाते हैं। समाज का एक वर्ग जो ऐशो-आराम की जिंदगी में अपने आपको ढाल लेता है उसी का लाभ अत्याचारी उठाते हैं। हमारी बेपरवाहियों के बाहर विपरीत परिस्थितियों में लगातार लड़ते हुए बढ़ते जाने वाले जीवन नहीं रह पाते हैं। इस अवस्था में अत्याचारी अत्याचार करने के बाह्य और आंतरिक सभी साधन जुटा लेते हैं।

15. (अ) निम्नलिखित गद्यांश से पूछे गये प्रश्नों का उत्तर दें- 

सर्वविध सम्पदा और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण कौन-सा देश है, यदि आप मुझे इस भू-मंडल का अवलोकन करने के लिए कहें तो बताऊँगा कि वह देश है- भारत। भारत, जहाँ भूतल पर ही स्वर्ग की छटा निखर रही है। यदि आप यह जानना चाहें कि मानव मस्तिष्क की उत्कृष्टतम उपलब्धियों का सर्वप्रथम साक्षात्कार किस देश ने किया है और किसने जीवन की सबसे बड़ी समस्याओं पर विचार कर उनमें से कइयों के ऐसे समाधान ढूँढ़ निकाले हैं कि प्लेटो और काण्ट जैसे दार्शनिकों का अध्ययन करने वाले हम यूरोपियन लोगों के लिए भी मनन के योग्य हैं तो मैं यहाँ भी भारत का ही नाम लूँगा।

(i) प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से उद्भुत है?

(क) मछली

(ख) आविन्यों

(ग) भारत से हम क्या सीखें

(घ) शिक्षा और संस्कृति

Show Answer
(ग) भारत से हम क्या सीखें

(ii) इस गद्यांश के लेखक कौन हैं?

(क) मैक्समूलर

(ख) महात्मा गाँधी

(ग) अमरकान्त

(घ) रामविलास शर्मा

 

Show Answer
(क) मैक्समूलर  

(iii) लेखक ने भारत की किन विशेषताओं का वर्णन किया है? 

Ans. लेखक ने लिखा है कि भारत प्राकृतिक संपदा और सौंदर्य से पूर्ण तो है ही, यहाँ प्रभूत ज्ञान का भंडार भी है।

(iv) प्लेटो और काण्ट जैसे दार्शनिकों का भी अध्ययन करने वालों को क्या मनन करने योग है और क्यों?

Ans. यहाँ का साहित्य मनन करना जरूरी है, क्योंकि यहाँ के लोगों ने मानव मस्तिष्क की उत्कृष्टतम उपलब्ध्यिों को पहले साक्षात्कार किया है

Free Bihar Board Matric Previous Year Question Papers

16. निम्नलिखित पद्यांश से पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दें-

“भारतमाता ग्रामवासिनी
खेतों में फैला है श्यामल
धूल-भरा मैला-सा आँचल
गंगा-यमुना में आँसू-जल
मिट्टी की प्रतिमा उदासीनी।”

(i) उपर्युक्त पद्यांश के रचनाकार कौन हैं?

Ans. सुमित्रानंदन पंत ।

(ii) प्रस्तुत पंक्तियाँ किस कविता से उद्भुत्त हैं?

Ans. भारतमाता

(iii) भारतमाता कहाँ निवास करती है?

Ans. भारतमाता को ग्रामवासिनी के रूप में चित्रण किया है. क्योंकि भारत की अधिकांशतः जनता गाँवों में ही निवास करती है। साथ ही प्रकृति का अनुपम सौंदर्य ग्रामीण क्षेत्रों में ही देखने को मिलते हैं।

(iv) ‘मिट्टी की प्रतिमा उदासिनी’ किसे कहा गया है और क्यों ?

Ans. भारतमाता को मिट्टी की प्रतिमा उदासिनी कहा गया है।

(v) प्रस्तुत कविता का भावार्थ लिखें?

Ans. प्रस्तुत अवतरण में भारतीय परतंत्रतावाद का सजीव चित्रण किया गया है। भारत के प्राकृतिक वातावरण का मानवीकरण किया गया है जिसमें भारतमाता को रोती हुई मिट्टी की प्रतिमा बनाकर दर्शाया गया है। मिट्टी की प्रतिमा खेतों में लहलहाते फसल और धूल-धूसरित आँचल के माध्यम से कवि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रति असीम आस्था और विश्वास व्यक्त किया है। साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा में ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक वातावरण की प्राथमिकता देना चाहता है।

17. कवी ने डफाली किसे खा है और क्यों ?

Ans. जिन लोगों में दास-वृत्ति बढ़ रही है, जो लोग पाश्चात्य सभ्यता-संस्कृति की दासता के बंधन में बँधकर विदेश रीति-रिवाज का बने हुए हैं उनको कवि डफाली की संज्ञा देते हैं, क्योंकि वे विदेश की पाश्चात्य संस्कृति की, विदेशी वस्तुओं की, अंग्रेजी की झूठी प्रशंसा में लगे हुए हैं। डफाली की तरह राग आलाप रहे हैं, पाश्चात्य की विदेशी एवं अंग्रेजी की गाथा गा रहे हैं।

18. कवि की दृष्टि में आज के देवता कौन है और वे कहां मिलेंगे ?

Ans. कवि ने भारतीय प्रजा जो खून-पसीना बहाकर देशहित का कार्य करती है, देश के लिए सर्वस्व न्योछावर कर देती है, जिसके बल पर देश में सुख संपदा स्थापित होता है, किसान, मजदूर, जो स्वयं आहूत होकर देश को सुखी बनाते हैं, को आज का देवता कहा है। कवि ने कहा है कि आज के देवता मंदिरों एवं राजप्रासादों में नहीं, बल्कि सड़कों पर पत्थर तोड़ते हुए खेतों में काम करते हुए मिलेंगे।

Bihar Board Class 10TH Hindi Previous Year Questions